रचना राणा एक कलाकार हो जो उत्तर प्रदेश के रामपुर के छोटे से गाँव से ताल्लुक रखती हो। उत्तर प्रदेश का रामपुर शहर वैसे तो छुरी, प्रसिद्ध चाकू एवं नवाबो के राजशाही के लिए विख्यात है। ऐसे में साहित्य एवं कला की धुरी बनना थोड़ा मुश्किल तो प्रतीत होता है लेकिन इसी मिट्टी से अपनी मूल शिक्षा लेकर रचना कला में अभूतपूर्व ऊर्जा, स्पष्ट सन्देश, एवं मानवीय संदेशो को कैनवास पर दर्शाती है। उन्होंने राजस्थान के बनस्थली विद्यापीठ से दृश्य कला में एम.फिल पूरा किया। दृश्य कला के प्रति उनका झुकाव और रंगों के प्रति आकर्षण उनकी शिक्षा के साथ.साथ शुरू और गहरा होता गया, जहाँ उन्होंने भारतीय आधुनिक कला से जुड़े ज्ञान को अवशोषित किया। अपनी शिक्षिका सुश्री किरन सरना मैम, इला यादव मैम व पुष्पा दुल्लर मैम के मार्गदर्शन और शिक्षण ने रंगों और कैनवास की इस खूबसूरत दुनिया में उत्प्रेरक का काम किया।
वर्ष 2019 वह दिल्ली चली गईं और 2021 में मेघवर्ण आर्ट गैलरी की स्थापना की। उनका दृढ़ विश्वास है कि जैसा कि हम श्आर्ट ऑफ लिविंग की सराहना करते हो और आनंद लेते हो, वैसे ही हम आर्ट फॉर लिविंग को स्वीकार करना, आनंद लेना और समझना चाहिए।